टीकाकरण के बाद मरीजों पर दिख सकते हैं प्रतिकूल प्रभाव, तैयार रहें राज्य: स्वास्थ्य मंत्रालय
By: Pinki Tue, 15 Dec 2020 6:23:02
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की स्थिति और वैक्सीन की इमरजेंसी अप्रूवल और उसके वितरण के तैयारी की ताजा स्थिति के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना मामलों की संख्या सबसे कम है। भारत में 10 लाख की आबादी पर कोरोना के मामले 7 हजार 178 हैं। जबकि प्रति 10 लाख आबादी का वैश्विक औसत 9 हजार है। मंगलवार को पांच महीने में सबसे कम केस सामने आए हैं। देश में कोरोना मामलों की संख्या 94 लाख से अधिक हो गई है। एक्टिव केस लगातार घट रहे हैं और उनकी संख्या वर्तमान में 3,40,000 के लगभग है। अभी तक देश में 15 करोड़ 55 लाख से भी अधिक टेस्ट हो गए हैं। पॉजिटिविटी दर में भी गिरावट है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर देश में चल रही तैयारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार तैयारियां की जा रही हैं। टीकाकरण के लिए 29000 कोल्ड चेन प्वाइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45000 आइस-लाइन्ड रेफ्रिजरेटर, 41000 डीप फ्रीजर और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के पास पहले ही ये उपकरण पहुंच चुके हैं।
29000 cold chain points, 240 walk-in coolers, 70 walk-in freezers, 45000 ice-lined refrigerators, 41000 deep freezers & 300 solar refrigerators will be used. All these equipment have already reached state governments: Rajesh Bhushan, Secretary, Ministry of Health #CovidVaccine pic.twitter.com/0tnJjVCB8n
— ANI (@ANI) December 15, 2020
प्रतिकूल घटनाओं के लिए पहले से ही तैयार रहें राज्य
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाएं एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जब हम एक सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम करते हैं, जो दशकों में किया जाता है तो टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए जब कोरोना टीकाकरण शुरू होता है, तो हम किसी प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, विशेष रूप से ब्रिटेन में पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुईं। इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य और संघ राज्य क्षेत्र इसके लिए भी तैयारी करें।
आपको बता दे, ब्रिटेन में दो कर्मचारियों को टीका लगाने के कुछ ही देर बाद एनाफाईलैक्टॉयड रिऐक्शन यानी तीव्र रिएक्शन की शिकायत की बात सामने आई थी। हालांकि अब दोनों ही कर्मचारी इस एलर्जी से तेजी से ठीक हो रहे हैं। उसके बाद ब्रिटेन के दवा विनियामक ने पिछले दिनों कोरोना टीके के बारे में एक चेतावनी जारी की थी। नियामक ने कहा था कि दवा, खाद्य पदार्थों या वैक्सीन से एलर्जी होने की शिकायत वाले लोग कोविड-19 वैक्सीन की खुराक नहीं लें। ब्रिटिश सरकार ने पिछले शुक्रवार को ऐलान किया था कि यदि कोरोना वैक्सीन से कोई साइड इफेक्ट होता है तो सरकार मरीज के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। हालांकि फाइजर कंपनी ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन कोरोना संक्रमण से 95 फीसद तक सुरक्षित है।
एक और वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल की मिली अनुमति
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि हमें यह जानकर खुशी है कि दिल्ली ने कोरोना संक्रमण के मामले में प्रगति की है। हम दिल्ली सरकार के साथ-साथ अन्य सरकारों को भी बधाई देते हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने में योगदान देने के लिए अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई राज्य हैं, जहां हमें अभी भी चिंता है। हम उत्तराखंड, नागालैंड और हिमाचल प्रदेश के सरकार और नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि इस हफ्ते ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत की एक और संभावित वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति प्रदान की है। इस वैक्सीन को जेनोआ कंपनी ने रिसर्च एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की मदद से तैयार की है। फाइजर की वैक्सीन को बनाने की तकनीक को इस वैक्सीन में भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक फाइजर वैक्सीन जैसी ही है। इस समय देश में कुल छह वैक्सीन क्लीनिकल टेस्ट से गुजर रही हैं।